“आर्या” यह एक भारतीय एवं हिंदी भाषिक टेलीव्हिजन शृंखला (Web Series | Tv Show) है, इसका निर्देशन राम माधवानी, संदीप मोदी और विनोद रावत ने किया है, साथ ही में राम माधवानी और संदीप मोदी इस वेब सिरीज के निर्माता भी है| यह वेब टेलीव्हिजन शृंखला (Web Series | Tv Show) १९ जून २०२० को हॉटस्टार स्पेशल वेब एप पर प्रदर्शित की जा चुकी है|
निर्देशन :
राम माधवानी, संदीप मोदी और विनोद रावतनिर्मिता : राम माधवानी, संदीप मोदी
कथा : संदीप श्रीवास्तव, अनु सिंह चौधरी
जेनर (शैली) :
यह कहानी है आर्या सरीन (सुश्मिता सेन) और उसके परिवार से जुडे वेदनादाई घटनाओ की और उनके परीवार के गैर कानुनी दवाईओ के व्यापार से निर्माण हुए पेंच प्रसंगो की, तेज सरीन (चंद्रचूड सिंह) और आर्या सरीन जो के पती पत्नी है और उनके तीन बच्चे हैं वीर, अरुंधति उर्फ आरु और आदित्य उर्फ आदी। तेज सरीन जो आर्या सरीन के पिता का अरसो से चला आ रहा दवाईओ के आड में चल रहा अधिक मात्रा में अफिम मिश्रित दवाईओ का व्यापार आर्या के भाई संग्राम (अंकुर भाटिया) और अपने करीबी मित्र जवाहर (नमित दास) के साथ मिलकर संभाल रहे होते है| संग्राम का व्यवहार थोडा लालची है, जवाहर स्वभाव से आक्रामक है और खुद तेज सरीन ठंडे दिमाग से सोचकर काम करनेवाले और अपने दोनो पार्टनर को साथ लेकर चलनेवाले है, उनके ईसी स्वभाव के कारन व्यापार पर अब तक कोई आंछ नही आ पाई है. परंतु संग्राम जो के आर्या सरीन के भाई है, वह अपने कम वक़्त में ज्यादा पैसे कमाने के लालच के चलते वह पुरे परिवार पर मुसिबतो का पहाड गिरा देते है| और यहा शुरू होता है आर्या का संघर्ष आर्या जोके के घर परिवार संभालने वाली एक झिम्मेदार पत्नी और मां है वह अपने बच्चो और परिवार को महफूज रखने हेतू चक्रव्यूह से निकलने की सारी कोशिशे करती नझर आती है|
कहानी कूछ ईस तरह है, आर्या सरीन जो के तेज सरीन और परिवार के साथ राजस्थान स्थित अपने घर मी रहते है| आर्या और तेज एक दुसरे से और अपने तीनो बच्चो बहुत प्यार करते है| तेज सरीन जैसा के हमने पहले ही बताया है, वह आर्या के पिता का गैरकानूनी दवाईओ का व्यापार चला रहे है| आर्या के पिता जो के अब बुढे हो चुके है और अपने पत्नी याने आर्या के मां (सोहिला कपूर) से अलग होकर एक जवान लडकी राधिक उर्फ रेड्स के साथ विवाह बाह्य संबंध रख एक साथ रह रहे है, जिसके चलते आर्या कि मां काफी हद नाराज और नाखुश है और शराब के अधीन है| वह अपनी नाराझगी बयां करने का एक मौका नही छोडती है, जीससे कई बार परिवार में मायुसी का माहोल बन जाता है| एक ओर आर्या और संग्राम कि छोटी बहन सौंदर्या कि शादी कि तैयारीया चल रही है जो के बॉब एक पेशेवर गायक है और विदेशी है| दुसरी ओर ईन सब तैयारीयो के बीच शेखावत जो के बहुत बडा माफिया डॉन है, और बहुत बडे तौर पर हेरोईन का व्यापार करता है, शेखावत और झोरावर (जो के संग्राम और आर्या के पिता है) इनके बीच बहुत पहले ही व्यापार का समझौता हो चुका होता है, के वह दोनो एक दुसरे के व्यापार में कभी नही आएंगे| संग्राम उस शेखावत का बहुत बडा काम करने के चक्कर में ३०० करोड का हेरोईन चुरा लेता है, और बहूत बडी मुसिबत ओढ लेता है, और इसका उसे जरासा भी इल्म नही होता है| यह बात जब तेज को पता चलती है तो वह संग्राम को समझाने की लाख कोशिश करता है पर संग्राम उसकी बिलकुल नही सुनता और जवाहर जो के उनका तिसरा पार्टनर है वह भी संग्राम का समर्थन करता है, ईस सब के बीच तीनो पर जानलेवा हमला होता है, जिसमे हमला करने वाले दो व्यक्तियो की मौत हो जाती है, और कहानी गंभीर रूप ले लेती है|
तेज परीस्थिती की गंभीरता को समझता है और वह सौंदर्या के शादी के ख़ुशी के माहोल के बीच भी संग्राम और जवाहर को समझाने कि कोशिश करता है, और वह दोनो नही सुनते शादी के माहोल के बीच उनका गंभीर संभाषण और हावभाव आर्या पकड लेती है, और अपने पती से पुछती है पर तेज बात को टाल देता है| शादी के बीच संग्राम हेरोईन का सेंपल लेकर डील करने निकल पडता है, जिसमे उसे जवाहर का पुरा समर्थन मिलता है, तेज के मना करने बावजुद वह नही सुनता, और फिर अनहोनी होती है संग्राम को पुलिस रंगे हाथ हेरोईन कि साथ पकड लेती है| यह बात सुनकर जवाहर जो के स्वभाव से आक्रमक है, उसका गुस्सा तेज पर निकलता है और वह तेज को शादी से बाहर बुलाकर उसको जिम्मेदार ठहराता है और हातापायी करने लगता है| जवाहर को लगता है तेज ने संग्राम को पुलिस से पकडवा दिया है| इस सब के बीच आर्या और उसका परिवार चिंतीत हो जाता है और फिर तेज आर्या को झगडे की असली वजह बिना बताये सब कूछ छोड कही दूर निकल जाने की आर्या कि बात को आखिरकार मानकर कूछ वक्त मांग लेता है| जिसमे कुछ उलझे हुए काम निपटाकर बिना किसी को बताये देश छोडने को राझी होता है और साथ ही में आर्या इस बारे में किसी को नही बतायेगी यहां तक अपने पिता (झोरावर) तक को भी नही बाताएगी ऐसा वचन लेता है| आर्या अब नए जीवन के सपने सजाने लगी ही होती है, के सौंदर्या के शादी के अगले ही दिन उनके घर के बाहर आदी जो के आर्या और तेजका छोटा बेटा है, उसके सामने तेज पर गोलिया चल जाती है और अस्पताल में झिंदगी के मौत के बीच लढाई लड रहे तेज की आखिरकार मौत हो जाती है| जिसके बाद आर्या का खुशहाल परिवार सदमे में पहुंच जाता है|
एक ओर संग्राम जेल जा चुका होता है दूसरी ओर तेज की मौत हो जाती है और इन सबके बीच आर्या को पुलिस इन्क्वायरी का भी सामना करना पडता है| और आखिरकार धीरे धीरे आर्या को सारी मुसिबत कि जड का पता चलता है| जिसके बाद वह सिर्फ तेज के प्यार के खातीर और परिवार की खुशहाली के लिए जुर्म कि दुनिया में कदम रखती है|
निर्देशन
शृंखला का निर्देशन संतुलित है| कही पर भी कहानी, संवाद और अभिनय अतिरंजित नही लगते है| इसके लिए निर्देशक राम माधवानी, संदीप मोदी और विनोद रावत कि जितनी सराहना करे कम है|
सभी कलाकारो ने उत्कृष्ट अभिनय का परिचय दिया है खासकर सुष्मिता सेन, चंद्रचूर सिंह, नमित दास, व्रीती वघानी, वीरेन वजिरानी, प्रत्यक्ष पंनवर, सोहिला कपूर, विकास कुमार जीसमेसे सुष्मिता सेन, नमित दास, सोहिला कपूर, व्रीती वघानी और विकास कुमार के किरदार आपको ज्यादा दमदार लग सकते है| तकनिकी तौर पर देखे तो शृंखला का निर्देशन, कथा, पटकथा, संवाद, छायांकन और संपादन (एडिटिंग), सब कूच संतुलित है, और सुष्मिता सेन के किरदार पर बारिकी से किया गया काम आर्या के अंदर कि मां भी को भी दर्शाता है और उसके अंदर होने वाली एक निडर औरत को भी| जिस किरदार के दुसरे सीजन में खूल के आने के आसार कई ज्यादा है| सिनेमा समीक्षक की माने यह तो यह शृंखला भरपूर मनोरंजन से भरी है और साथ ही में दर्शको को बांधे रखने में सक्षम है|